देह से थे कमजोर मगर, दिल में स्वतन्त्रता के अंगारे, जलती धूप में सोचे वह, कैसे अत्य देह से थे कमजोर मगर, दिल में स्वतन्त्रता के अंगारे, जलती धूप में सोचे वह,...
मुहब्बत की ही करी जो रफ़ू झूठी है वो। मुहब्बत की ही करी जो रफ़ू झूठी है वो।
या सपनों का इंद्रधनुषी अम्बर हो, बस दुआ ये माँगू उस पल तेरा साथ हो।। या सपनों का इंद्रधनुषी अम्बर हो, बस दुआ ये माँगू उस पल तेरा साथ हो।।
मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में
कभी बीत रहे थे दिन यूँ ही हँसते -गाते, कुछ अपना -कुछ सबका दिल बहलाते। कभी बीत रहे थे दिन यूँ ही हँसते -गाते, कुछ अपना -कुछ सबका दिल बहलाते।
हर लम्हा हर लम्हा